Monday 23 February 2015

असफलता से डरें नहीं, इसका मज़ा जरुरी हैं......|||||||

मैं  कई  बार  ऐसे  लोगों  से  मिल  चुका  हूँ  जो  मुझसे  अपने  dream business की शुरुआत करने  की बात   करते  है , घंटों  planning करते  हैं  … .. बताते  हैं  कि  बस  अगले  महीने  से  काम  शुरू  कर  रहा  हूँ …..लेकिन  जब  मैं  6 महीने  बाद भी  उनसे  मिलता  हूँ  तब  भी  यही  पता  चलता  है  कि  वो  अगले  महीने  से  अपना  काम  शुरू  करने  जा  रहे  हैं .हो  सकता  है  आपके  साथ भी ऐसा  हो  चुका  हो  कि किसी  जबरदस्त  idea को  लेकर  आपने  बहुत  सारे  सपने  बुने  हों  पर  हकीकत  में  एक  step भी  आगे  ना  बढ़  पाए  हों !!!
तो  भला  ऐसा क्यों   होता  है  कि हम  कोई  business, NGO या  organization start करने  का  सोचते  हैं  लेकिन  किसी  ना  किसी  वजह  से  ये  काम  टलता  जाता  है  और  हम  वहीँ  के  वहीँ  रह  जाते  हैं ?
आज  इस  post में  मैं   ऐसी  ही तीन वजहों  को  आपसे  share कर  रहा  हूँ  जो  हमें  आगे  बढ़ने  से  रोकती  हैं  पर  दरअसल  किसी बिजनेस को  start करने  से  पहले  इनकी  कोई  ख़ास  जरूरत  नहीं  होती :
1)    Perfect plan :
कई  बार  लोग  कुछ  शुरू  करने  से  पहले  उसकी  एक एक  बारीकी  को  समझना  चाहते  हैं, खासतौर से जो लोग ज्यादा पढ़े-लिखे होते हैं,…वो  चाहते  हैं  कि  वो  start से  end  तक हर   एक  चीज  perfect तरीके  से  करें .वो  details में  इतना  अधिक  घुस  जाते  हैं  कि  बस  उसी  में  उलझ  के  रह  जाते  हैं .पर  real world में  ऐसा  नहीं होता , आप  चाहे  जितनी  भी  planning कर  लें  ground –reality में  फरक  तो  होता  ही  है …इसलिए  बेकार  में  perfectionist बनने  की  कोई  जरूरत  नहीं  है .
इंसान  ज्यादातर  चीजें  काम  करने  के  दौरान  सीखता  है , इसलिए  आप  किसी  perfect plan के  बनने  का  इंतज़ार  मत  कीजिये …एक  raw मोटी-मोटा plan के  साथ  अपने  काम  को  शुरू  कीजिये  और  आने  वाले  challenges को  face करते  हुए  आगे  बढ़ते  जाइए .
Sony company को  आप  सब  जानते  हैं ….जब  Ibuka और  Morita ने  इसकी  शुरआत  की  थी  तब  company ने Electirc Rice Cooker बेचने की planning की थी , पर वो इसमें सफल नहीं हो पाए..….पर आज वही कंपनी एक से  बढ़कर  एक  electronic equipments बनाती  है| .
जब  आप  काम  करना  शुरू  कर  देते  हैं …तब  धीरे-धीरे  आप  उसमे रमने लगते  हैं ..और  जब  आप    रमने  लगते हैं  तब  खुद -बखुद  आपको  उसे  अच्छा  करने  के ideas आने  लगते  हैं …इसलिए  पहले  से  ही  किसी  perfect road map को  बनाना  ज़रूरी नहीं है  क्योंकि  ये  लगभग  तय है कि  आगे   परिस्थितियों  और  मौके  के हिसाब से  आपको  अपना  plan mould करना  पड़  सकता  है .
आप  1 साल  की  planning करने  की  बजाये  एक  महीने  का  plan भी  बना  कर  business start कर  सकते  हैं ..अधिक  से  अधिक  क्या  होगा …आप  fail हो  जायेंगे …पर  ये  कभी  काम  शुरू  ना  करने  से  तो  बेहतर  ही  है …और  दूसरी  तरफ  आपका  perfect plan भी  आपको  success दिलाई  दे  ये  भी  तो  guaranteed नहीं  है . So, it is better to start then keep postponing your plan.
2)    Ideal Condition:
कुछ  लोग  इसलिए  भी  अपना  काम  नहीं  शुरू  कर  पाते  क्योंकि  वो  एक  आदर्श  परिस्थिति  का  इंतज़ार  करते  रहते  हैं ….आप  ऐसे  लोगों  से  कुछ  इस  तरह  की  बात  सुन  सकते  हैं –
“ बस  बरसात  ख़तम  हो  जाये ….फिर  शुरू  करना  है ..”  ; “ एक  बार  सही  partner मिल  जाए  तो  बाकी  सब  तो  ready है …”; “ बच्चे  का admission करा  दें  उसके  बाद  100% काम  start हो  जायेगा ..”
 हो  सकता  है  कि  कभी -कभार  शुरआत   ना  करने  का  reason genuine हो  लेकिन  ध्यान  देना  होगा  कि  हम  कहीं  बेकार  की  excuses बनाकर  काम  टाल  तो  नहीं  रहे  हैं .
और  यदि  हम  ऐसा  कर  रहे  हैं  तो  फिर  एक  और  जरूरी  प्रश्न यह  उठता  है  कि  क्या  सच – मुच  हम  अपना  कुछ  शुरू  करना  चाहते  हैं  या  just as an style statement और  दूसरों  को  दिखाने  के  लिए  एक  entrepreneur बनने  की  बात  करते  हैं, यदि ऐसा है तो business करने का idea drop करने में ही भलाई है.
Friends, Ideal conditions labs में  होती  हैं …और  हमें  तो  lab के  बाहर  असल  दुनिया  में  काम  करना  है  इसलिए  ऐसी  conditions का  इंतज़ार  करना  बेकार  है …हमें  अपना  काम  शुरू  कर  देना  चाहिए  भले  ही  वह  एक  सामान्य  शुरुआत  क्यों  ना  हो .
3)    कुछ  गैरज़रूरी  time wasters :
कई  बार कुछ लोग  जो  genuinely एक  business,या  organization establish करना  चाहते  हैं  वो छोटी -मोटी  चीजों  में  उलझे  रह  जाते  हैं  और  अपनी  energy ऐसी  जगह  waste कर  देते  हैं  जहाँ  नहीं  करनी  चाहिए . For example , काम  की  शुरुआत  में  ही  कुछ  लोग  उससे related website बना  लेना  चाहते  हैं  और  उसी  के  लिए  परेशान  रहते  हैं ….जबकि  इसकी  कोई  जरूरत  नहीं  होती  , ये  काम   तो  आप  बाद  में  भी  कर  सकते  हैं …हाँ  अगर  आप  बहुत  ज्यादा concerned हैं  तो  बस  अपनी  site  का  एक  domain name book कर  लीजिये , मगर  उसको  पूरी  तरह  से  एक  functional site बनाने  के  चक्कर  में  मत  पड़िए ….हाँ अगर  आपका business ही internet related  है  तो  बात  अलग  है .
एक  और  उदाहरण  लें  तो  लोग  company का  logo,punch line, etc बनाने  में  भी  काफी  समय  लगाते  हैं  और  उसे  decide करने  में  ही  हफ्तों  बिता  देते  हैं . मेरे  हिसाब  से  आपने  अपनी  company/ organization का  नाम  सोच  लिया  यही  काम  शुरू  करने  के  लिए  काफी है. ये अच्छा है कि आप सबकुछ शुरुआत से ही streamline करना चाहते हैं लेकिन यदि यह आपकी beginning को ही hamper कर रहा है तो इसका क्या लाभ!!!…ज्यादातर organizations की beginning बहुत normal होती है ,पर एक बार जब उनका काम चल पड़ता है तो वो अपना ब्रांड establish करते हैं. Bill Gates ने भी पहले अपनी कंपनी का नाम  “Micro-Soft” रखा था जो बाद में बदलकर “Microsoft” कर दिया.
 देखिये , अभी जरूरी  ये  है  कि  हम  वो  करें  जिससे  हम  अपने  customers के  लिए  value create कर  सकें ..अगर  चाट  वाला  आलू  और  मसाले  खरीदने  की  जगह  इस  बात  में  time बिता  दे  कि  ठेला  किस  रंग  का  होगा  तो  इससे  उसे  क्या  मिलेगा ??…अंतत:   तो  चाट  की  quality ही  उसके  business को  successful या  unsuccessful बनाएगी .
मैं  ये  नहीं  कहता  कि  ये  चीजें बेकार हैं …ये  भी ज़रूरी  हैं …पर  एक  दम  शुरआत  से  ये  सब  up to date हों  ऐसा  ज़रूरी   नहीं  है .
काम  की  शुरआत  में  हमें  important और  not so important चीजों  को  छांट  लेना  चाहिए  और  अपनी  सारी energy और  focus important tasks को  पूरा  करने  में  लगानी  चाहिए  .
I hope यदि आप किसी काम को शुरू करने में इन जैसी ही वजहों से ही चूक रहे हैं तो अब ऐसा नहीं करेंगे ….

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